एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Friday, 5 January 2018
तुम्हारे ज़िक्र में शामिल रहूँ
तुम्हारे ज़िक्र में शामिल रहूँ
तुम्हारे फ़िक्र में शामिल रहूँ
कोशिश रहती है अपनी, कि
तेरी नज़रों में शामिल रहूँ
मुकेश इलाहाबादी ---------
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