ये
जानते हुए भी
कि, स्वप्न कभी सच नहीं होते
क्यूँ देखता हूँ
दर रोज़ तुम्हारे सपने
ये, बहुत बड़ा यक्ष प्रश्न है मेरे सामने
मुकेश इलाहाबादी --------
जानते हुए भी
कि, स्वप्न कभी सच नहीं होते
क्यूँ देखता हूँ
दर रोज़ तुम्हारे सपने
ये, बहुत बड़ा यक्ष प्रश्न है मेरे सामने
मुकेश इलाहाबादी --------
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