सुनो ,
तुम अगर समंदर की तरफ जा रहे हो, तो
समन्दर से ले आना
थोड़ी गहराई
थोड़ी विशालता
थोड़ा खारापन
और ले आना उसकी लहरों से थोड़ा मचलना , उछलना, बहना
थोड़ी सी शीपी , थोड़ी से रेत्
यदि तुम जा रहे हो,
पहाड़ों से मिलना,
तो लेते पाना पहाड़ों से माँग के
थोड़ी से स्थिरता , थोड़ा सा ठोसपन
जो जाना तुम जंगल
ले आना मांग के जंगल से
थोड़ा हरियाली , थोड़ा बीहड़पन
थोड़ा सी फूलों की महक थोड़ी थोड़ी
खुशबू जैसे चंदन और महुआ की
जो तुम मिलना बादलों से ले आना
थोड़ा सा जल थोड़ी सी गड़गड़ाहट
यदि कंही न जाना तो भी आ जाना
पर आना तुम - ज़रूर
मुकेश इलाहाबादी -------------------
तुम अगर समंदर की तरफ जा रहे हो, तो
समन्दर से ले आना
थोड़ी गहराई
थोड़ी विशालता
थोड़ा खारापन
और ले आना उसकी लहरों से थोड़ा मचलना , उछलना, बहना
थोड़ी सी शीपी , थोड़ी से रेत्
यदि तुम जा रहे हो,
पहाड़ों से मिलना,
तो लेते पाना पहाड़ों से माँग के
थोड़ी से स्थिरता , थोड़ा सा ठोसपन
जो जाना तुम जंगल
ले आना मांग के जंगल से
थोड़ा हरियाली , थोड़ा बीहड़पन
थोड़ा सी फूलों की महक थोड़ी थोड़ी
खुशबू जैसे चंदन और महुआ की
जो तुम मिलना बादलों से ले आना
थोड़ा सा जल थोड़ी सी गड़गड़ाहट
यदि कंही न जाना तो भी आ जाना
पर आना तुम - ज़रूर
मुकेश इलाहाबादी -------------------
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