एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Tuesday, 14 August 2018
आओ हम तुम चलें - जंगल में
आओ
हम तुम चलें - जंगल में
जंहा सिर्फ दो फूल खिले हों
एक
"तुम" और एक "मै "
मुकेश इलाहाबादी --------
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