Pages

Friday, 7 September 2018

उमड़ते घुमड़ते बादलों संग रहा जाये

उमड़ते घुमड़ते बादलों संग रहा जाये
आओ  कुछ देर बारिश में भीगा जाये

भीगे -भीगे पत्ते भीगे - भीगे हैं फूल
कुछ देर इनके संग - संग डोला जाये

वो  इक चिड़िया भीगी बैठी है डाल पे
आ उससे उसका हालचाल पूछा जाये 

मुझको तो बारिश में अच्छा लगता है
तुमको दिक्क्त हो तो रुक लिया जाये

चलो उस बुढ़िया से गर्म गर्म भुट्टे लेके
मुकेश उसी पुरानी पुलिया पे बैठा जाए

मुकेश इलाहाबादी --------------------

No comments:

Post a Comment