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Monday, 15 October 2018

पानी मे थोड़ा गुलाल मिला दूँ क्या


पानी मे थोड़ा गुलाल मिला दूँ क्या
उंगली से तेरे गालों को छू लूँ क्या ?

आरज़ू है तुझे बेहद करीब से देखूं
किसी रोज़  आ के मै मिल लूँ क्या

तेरा बदन महके ज्यूँ संदल  संदल
आ के तेरी साँसों को ज़रा सूँघू क्या

तेरी हँसी है उजली उझली चादर
हल्की हल्की सर्दी है,ओढ़ूँ क्या ?

ये वाकिंग शू और ये वाकिंग ड्रेस
तुझ संग संग मै भी टहलूं क्या ?

मुकेश इलाहाबादी......

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