एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Tuesday, 27 October 2020
गुलाबी जाड़े में जब तुम हँसती हो
गुलाबी
जाड़े में
जब तुम हँसती हो
तो तुम्हारे
दूध से सफ़ेद गाल
ऐसे लगते हैं जैसे
दो खरगोश
किसी भी
वक़्त कुलाँचे
मारते हुए
दौड़ लगा देंगे
मुकेश इलाहाबादी -----
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