एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Friday, 19 March 2021
अभी हार नहीं मानी है
अभी हार नहीं मानी है
जंगे ज़िंदगी जारी है
न चाँद है न सूरज है
बाहर अँधेरा तारी है
घाव भर गया लेकिन
निशान अभी बाकी है
तू चली गयी है मगर
तेरी याद नहीं जाती है
मुकेश इलाहाबादी ---
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