एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
(Move to ...)
Home
▼
Tuesday, 24 July 2012
ये खामोशियाँ
देखना !!!
ये खामोशियाँ
एक दिन
बदल जायेंगी
बेचैनियों में
और तब तुम
कुछ नहीं कह पाओगे
और अगर
तुम कुछ कह भी पाए
तो मै सुन नहीं पाऊंगा
शायद तब तक
मै डूब चुका होऊंगा
मौन के अनंत गह्वर में
मुकेश इलाहाबादी -----------------
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment