एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Tuesday, 24 July 2012
हिज्र की रात थी तो दिल मेरा सम्हल गया
हिज्र की रात थी तो दिल मेरा सम्हल गया
विशाले यार होगा तो हाले दिल क्या होगा
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