एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Thursday, 20 September 2012
नींद हमारी चुराके ख्वाब में कुनमुनाते हैं मुस्कुरा के
नींद हमारी चुराके ख्वाब में कुनमुनाते हैं मुस्कुरा के
हम निहारते हैं उनकी इस अदा को कितनी हसरत से
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