एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Sunday, 9 September 2012
देखा तुझको हंसा दिया
देखा तुझको हंसा दिया
चाँद से बदली हटा दिया
जूही चम्पा और गुलाब
तोड़ के गजरा बना दिया
शीशे में खुद को देख ज़रा
चुम्बन से बिंदी सजा दिया
मेरा दिल भी इक तारा है
प्यार की धुन को बजा दिया
मुकेश इलाहाबादी --------------
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