एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Tuesday, 2 October 2012
तेरे आने की खुशी,
तेरे आने की खुशी, मेरी शिराओं,
में घुल भी न पायी थी,
तूने जाने का फरमान सूना दिया ?
मुकेश इलाहाबादी ---------------
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