एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Monday, 1 October 2012
तुम्हे छोड़ कर वो कंही गया ना होगा, ज़रा अपनी
तुम्हे छोड़ कर वो कंही गया ना होगा, ज़रा अपनी
जुल्फें तो झटक के देखो उसी मे कंही अटका होगा
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