एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Monday, 29 October 2012
तुम अपने सितम हमपे कम न करो
तुम अपने सितम हमपे कम न करो
हमें ज़ख्म सहने की पुरानी आदत है
मुकेश इलाहाबादी -------------------
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