एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Sunday, 28 October 2012
हमने ज़नाब से मुहब्बत का इशारा क्या किया
हमने ज़नाब से मुहब्बत का इशारा क्या किया
कुछ हंस के कुछ इठला के अंगूठा दिखा दिया
भीगी जुल्फों को झटका तो सितारे बिखर गए,
कुछ इस अदा से ज़नाब ने क़यामत हिला दिया
मुकेश इलाहाबादी ------------------------------
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