एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
(Move to ...)
Home
▼
Friday, 12 October 2012
तुम मुहब्बत में तिजारत क्यूँ ले आते हो ?
तुम मुहब्बत में तिजारत क्यूँ ले आते हो ?
हम तो वैसे ही बेमोल बिक चुके तेरे हाथो
मुकेश इलाहाबादी --------------------------
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment