एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Thursday, 4 October 2012
हम तो तेरे दिल मे खामोश साँसों सा बस जाएँ
हम तो तेरे दिल मे खामोश साँसों सा बस जाएँ
ये अलग बात तेरी धड़कन ही चुगलियाँ न कर दें
मुकेश इलाहाबादी ----------------
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