एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Thursday, 4 October 2012
तू ख्वाब मे डूबी रहे मै लोरियां गाता रहूँगा
तू ख्वाब मे डूबी रहे मै लोरियां गाता रहूँगा
ये अलग बात है मेरी हर बात मे दर्द निहां है
मुकेश इलाहाबादी ----------------
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