एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Wednesday, 28 November 2012
बाज़ार ऐ इश्क में हमें खरीदार न मिला
बाज़ार ऐ इश्क में हमें खरीदार न मिला
हमने अपनी कीमत वफाओं से आंकी थी
मुकेश इलाहाबादी ------------------------
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