एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
(Move to ...)
Home
▼
Friday, 2 November 2012
छुपे रह कर चिलमन में,
छुपे रह कर चिलमन में,
कहते हैं 'चुरा लो ना दिल हमारा'
मुकेश इलाहाबादी ---------------
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment