एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Friday, 2 November 2012
छुपे रह कर चिलमन में,
छुपे रह कर चिलमन में,
कहते हैं 'चुरा लो ना दिल हमारा'
मुकेश इलाहाबादी ---------------
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