दुनिया वाले आज भी इम्तहान लेते हैं
ये और बात मेरे पर ऊँची उड़ान लेते हैं
तुम हमें अपनी बातें बताओ न बताओ
तुझे देख, हम तेरा दुःख दर्द जान लेते हैं
कब धूप खिलेगी या कब तूफ़ाँ आयेगा
हवा के रुख से मौसम पहचान लेते हैं
मौत भी मेरे करीब आने से डरती है,
तेरी अदाओं के तीरो कमान जान लेते हैं
मुकेश इलाहाबादी -------------------------
ये और बात मेरे पर ऊँची उड़ान लेते हैं
तुम हमें अपनी बातें बताओ न बताओ
तुझे देख, हम तेरा दुःख दर्द जान लेते हैं
कब धूप खिलेगी या कब तूफ़ाँ आयेगा
हवा के रुख से मौसम पहचान लेते हैं
मौत भी मेरे करीब आने से डरती है,
तेरी अदाओं के तीरो कमान जान लेते हैं
मुकेश इलाहाबादी -------------------------