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Thursday, 24 September 2015

सूरज के साथ खड़ा हूँ

सूरज के साथ खड़ा हूँ 
खाक  होने पे तुला हूँ 

उजाला गवाही दे देगा 
संग चराग के जला हूँ   

मील के पत्थर सा मै 
आज भी वहीं गड़ा हूँ  

तेरे दिल ऐ कंगन में 
मै  नगीने सा जड़ा हूँ 

खुश्बूओं से पूछ लो 
फूल  सा  मै खिला हूँ 

मुकेश इलाहाबादी ---

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