किस्सा ऐ जिंदगानी लिखने दो
अपनी राम कहानी लिखने दो
दुःख दर्द तो सूना दिया तुमको
अब तो प्रेम कहानी लिखने दो
मै खुद को कान्हा लिक्खूंगा
तुमको राधा रानी लिखने दो
अब तो पतझड़ के दिन बीत गए
हमको रितु मस्तानी लिखने दो
मै कहलाऊँ इश्क का मारा
तुमको प्रेम दीवानी लिखने दो
मुकेश इलाहाबादी --------------
अपनी राम कहानी लिखने दो
दुःख दर्द तो सूना दिया तुमको
अब तो प्रेम कहानी लिखने दो
मै खुद को कान्हा लिक्खूंगा
तुमको राधा रानी लिखने दो
अब तो पतझड़ के दिन बीत गए
हमको रितु मस्तानी लिखने दो
मै कहलाऊँ इश्क का मारा
तुमको प्रेम दीवानी लिखने दो
मुकेश इलाहाबादी --------------
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