सन्नाटा पसरा है चौपाल मे
घर फसल बह गई है बाढ़ मे
लूट घसोट हो राज्नीत रही
बाढ और राहत के काम मे
बूढे बच्चे इन्सान औ मवेशी
रह रहे सभी खुले आसमां मे
आज बाढ़ तो कल सूखा है
किसान मर रहा हर हाल में
नेता और अफ्सरों को छोड
कौन खुश है इस माहौल में
मुकेश इलाहाबादी -------
घर फसल बह गई है बाढ़ मे
लूट घसोट हो राज्नीत रही
बाढ और राहत के काम मे
बूढे बच्चे इन्सान औ मवेशी
रह रहे सभी खुले आसमां मे
आज बाढ़ तो कल सूखा है
किसान मर रहा हर हाल में
नेता और अफ्सरों को छोड
कौन खुश है इस माहौल में
मुकेश इलाहाबादी -------
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