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Thursday, 22 May 2014

सुना था बहारों से मिल के

सुना था बहारों से मिल के तबीयत बहल जाती है
बस यही सोच के तेरे पहलू में हम आ कर  बैठे हैं
मुकेश इलाहाबादी ---------------------------------------

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