बुरी हो अच्छीे हो जी लिया जाए
ज़िंदगी ज़हर सही पी लिया जाए
हो गया अज़नबी तेरे जाने के बाद
अब, शहर से रुखसती लिया जाए
ख़ुद को जला के रौशन हुआ जाए
अपनी ख़ुदी से रोशनी लिया जाये
मुकेश इलाहाबादी -------------------
ज़िंदगी ज़हर सही पी लिया जाए
हो गया अज़नबी तेरे जाने के बाद
अब, शहर से रुखसती लिया जाए
ख़ुद को जला के रौशन हुआ जाए
अपनी ख़ुदी से रोशनी लिया जाये
मुकेश इलाहाबादी -------------------
No comments:
Post a Comment