एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Thursday, 29 May 2014
दर्द की बारिस है,
दर्द की बारिस है, और तुम बेलिबास निकले हो
मुहब्बत न सही, मेरी दुआओं के साये में हो लेते
मुकेश इलाहाबादी ------------------------------------
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