आ मै तुझे संवार दूँ
प्यार को विस्तार दूँ
सारा जँहा समेट कर
तेरे आँचल में डाल दूँ
आ बैठ पहलू में मेरे
तू जो कहे उपहार दूँ
मन की वीणा को छू
प्रेम को नई झंकार दूँ
गूँथ के तारों की माला
तुझे नया पुष्पहार दूँ
मुकेश इलाहाबादी ---
प्यार को विस्तार दूँ
सारा जँहा समेट कर
तेरे आँचल में डाल दूँ
आ बैठ पहलू में मेरे
तू जो कहे उपहार दूँ
मन की वीणा को छू
प्रेम को नई झंकार दूँ
गूँथ के तारों की माला
तुझे नया पुष्पहार दूँ
मुकेश इलाहाबादी ---
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