बाबू राज़नीत का देखो खेल
बने हैं शिक्षा मंत्री इंटर फेल
अजब ज़माना आया बाबू
हम पढ़ लिख कर बेचे तेल
बाबू साम दाम दंड और भेद
है सरपट भागी भगवा रेल
हर कोई होना चाहे न० एक
बाबू मची है देखो रेलम पेल
जो सच के साथ खड़ा है बाबू
वो कब का पँहुच गया है जेल
मुकेश इलाहाबादी ------------
बने हैं शिक्षा मंत्री इंटर फेल
अजब ज़माना आया बाबू
हम पढ़ लिख कर बेचे तेल
बाबू साम दाम दंड और भेद
है सरपट भागी भगवा रेल
हर कोई होना चाहे न० एक
बाबू मची है देखो रेलम पेल
जो सच के साथ खड़ा है बाबू
वो कब का पँहुच गया है जेल
मुकेश इलाहाबादी ------------
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