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Saturday, 31 May 2014

बाबू राज़नीत का देखो खेल

बाबू राज़नीत का देखो खेल
बने हैं शिक्षा मंत्री इंटर फेल

अजब ज़माना आया बाबू
हम पढ़ लिख कर बेचे तेल

बाबू साम दाम दंड और भेद
है सरपट भागी भगवा  रेल

हर कोई होना चाहे न० एक
बाबू मची है देखो रेलम पेल 

जो सच के साथ खड़ा है बाबू
वो कब का पँहुच गया है जेल

मुकेश इलाहाबादी ------------

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