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Saturday, 31 May 2014

बहुत नज़दीकियों के तलबगार नहीं

बहुत नज़दीकियों के तलबगार नहीं
मुहब्बत में मगर दूरियां भी अच्छी नहीं

मुकेश इलाहाबादी ------------------------

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