एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
Home
Saturday, 31 May 2014
बहुत नज़दीकियों के तलबगार नहीं
बहुत नज़दीकियों के तलबगार नहीं
मुहब्बत में मगर दूरियां भी अच्छी नहीं
मुकेश इलाहाबादी ------------------------
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
View mobile version
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment