एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
(Move to ...)
Home
▼
Wednesday, 25 June 2014
बेवज़ह दिल दुखाती
बेवज़ह दिल दुखाती हैं बातें बेवफाई की,
होती जो निशानियाँ वफ़ा की तो रख लेते
मुकेश इलाहाबादी ------------------------
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment