एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Wednesday, 25 June 2014
बेवज़ह दिल दुखाती
बेवज़ह दिल दुखाती हैं बातें बेवफाई की,
होती जो निशानियाँ वफ़ा की तो रख लेते
मुकेश इलाहाबादी ------------------------
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