साँसे तेरी खुशबू - खुशबू
साँसे तेरी खुशबू -खुशबू
बातें तेरी ग़ज़ल ग़ज़ल
देख मुसाफिर तेरी सूरत
भटके कितनी डगर डगर
दर - दर तेरा पता पूछता
घूम के आया नगर नगर
हैं विरह में साँसे बेकाबू
देखी आखें सजल सजल
है प्रेम गली अति सांकरी
देखो चलना संभल संभल
मुकेश इलाहाबादी -------
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