हमने,
घर बाँट लिया
दूकान बाँट ली
ज़मीन बाँट ली
यहाँ तक कि
समंदर भी बहुत हद तक
बाँट लिया ,
बस,
इक आसमान भर बाकी है
मुकेश इलाहाबादी ----------
घर बाँट लिया
दूकान बाँट ली
ज़मीन बाँट ली
यहाँ तक कि
समंदर भी बहुत हद तक
बाँट लिया ,
बस,
इक आसमान भर बाकी है
मुकेश इलाहाबादी ----------
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