Pages

Wednesday, 30 March 2016

देखना एक दिन

देखना
एक दिन
जोतने और
खाद डालने के बावजूद
पेड़ उगना बंद कर देंगे
और फल देना भी

और
गौरैया भी
मुंडेर पे नहीं बैठेगी
अगर बैठी भी तो
उड़ जाएगी जंगल की तरफ

पर,
तब तक
जंगल भी अपना लावलश्कर समेट के
जा चूका होगा
किसी और पृथ्वी पे उगने के लिए
उसके साथ
गौरैया भी फुर्र फुर्र कर के उड़
चुकी होगी


तब रह जाएगा
फक्त आग का दहकता गोला
और ठगे से हम

मुकेश इलाहाबादी -------------


No comments:

Post a Comment