जब -जब तुम्हारे पास आता हूँ मैं
अहसासे खुशबू से भर जाता हूँ मैं
तुमको शहर छोड़े मुद्दत हुई मग़र
तेरे दर से हर रोज़ गुज़रता हूँ मैं
मुकेश इलाहाबादी ----------------
अहसासे खुशबू से भर जाता हूँ मैं
तुमको शहर छोड़े मुद्दत हुई मग़र
तेरे दर से हर रोज़ गुज़रता हूँ मैं
मुकेश इलाहाबादी ----------------
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