तुम आते हो तो आता है बंसत
वर्ना जाने कहाँ रहता है बसंत
मस्ती, फूल, खुशबू, झूला संग
तेरी आँखों में देखा है बसंत
तितली भौंरा चिड़िया बुलबुल
कितना तो बतियाता है बसंत
जब जब तुम लहराओ आँचल
तुझसे मिल, इठलाता है बसंत
तेरी झील सी नीली आँखों में
मुकेश ने लहराते देखा है बसंत
मुकेश इल्लाहाबदी ------------
वर्ना जाने कहाँ रहता है बसंत
मस्ती, फूल, खुशबू, झूला संग
तेरी आँखों में देखा है बसंत
तितली भौंरा चिड़िया बुलबुल
कितना तो बतियाता है बसंत
जब जब तुम लहराओ आँचल
तुझसे मिल, इठलाता है बसंत
तेरी झील सी नीली आँखों में
मुकेश ने लहराते देखा है बसंत
मुकेश इल्लाहाबदी ------------
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