बहुत प्यारा सा इत्तेफ़ाक़ हुआ है
आँख खुलते ही तेरा दीदार हुआ है
तू छत पर बाल सुखाने क्या आयी
आज सुबो सूरज नहीं चाँद ऊगा है
जो दिल अब तक फिरता था आवारा
तुझे देखा तो हमको भी प्यार हुआ है
मुकेश इलाहाबादी ---------------
आँख खुलते ही तेरा दीदार हुआ है
तू छत पर बाल सुखाने क्या आयी
आज सुबो सूरज नहीं चाँद ऊगा है
जो दिल अब तक फिरता था आवारा
तुझे देखा तो हमको भी प्यार हुआ है
मुकेश इलाहाबादी ---------------
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