Pages

Saturday, 6 January 2018

इस तरफ़ दूर तक रेत् का किनारा - मै

इस तरफ़  दूर तक रेत् का किनारा - मै
उस तरफ़ दूर तक  हरे भरे मंज़र - तुम

बीच में  इक खामोशी दरिया बहता है

मुकेश इलाहाबादी -----------------------

No comments:

Post a Comment