इस तरफ़ दूर तक रेत् का किनारा - मै
उस तरफ़ दूर तक हरे भरे मंज़र - तुम
बीच में इक खामोशी दरिया बहता है
मुकेश इलाहाबादी -----------------------
उस तरफ़ दूर तक हरे भरे मंज़र - तुम
बीच में इक खामोशी दरिया बहता है
मुकेश इलाहाबादी -----------------------
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