तुमको वक़्त नही मिलता
मुझकॊ और नही मिलता
ज़िंदगी उलझा हुआ मांझा
ढूंढो तो छोर नही मिलता
चोरियां तो ज़ारी हैं बदस्तूर
मगर कोई चोर नही मिलता
लोग गला रेत जाते हैं यहाँ
हाथों मे खज़र नही मिलता
मुकेश इलाहाबादी......
मुझकॊ और नही मिलता
ज़िंदगी उलझा हुआ मांझा
ढूंढो तो छोर नही मिलता
चोरियां तो ज़ारी हैं बदस्तूर
मगर कोई चोर नही मिलता
लोग गला रेत जाते हैं यहाँ
हाथों मे खज़र नही मिलता
मुकेश इलाहाबादी......
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