मुझको झूठी तसल्ली दे के गया
वो लौट कर आएगा कह दे गया
मै मुफ़लिस मेरे पास कुछ न था
जो चैनो शुकूँ था, वो भी ले गया
मैंने समझा,मुझे पार ले जाएगा
चढ़ी नदी नाव मै ख़ुद खे के गया
जी तो न था बेवफा से मिलने का
दिल से मज़बूर था इस लिये गया
लड़ लेता झगड़ लेता ग़म न होता
ग़म ये मुझे अनदेखा कर के गया
मुकेश इलाहाबादी -----------------
वो लौट कर आएगा कह दे गया
मै मुफ़लिस मेरे पास कुछ न था
जो चैनो शुकूँ था, वो भी ले गया
मैंने समझा,मुझे पार ले जाएगा
चढ़ी नदी नाव मै ख़ुद खे के गया
जी तो न था बेवफा से मिलने का
दिल से मज़बूर था इस लिये गया
लड़ लेता झगड़ लेता ग़म न होता
ग़म ये मुझे अनदेखा कर के गया
मुकेश इलाहाबादी -----------------
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