काश मेरा भी हुआ करे कोई
मेरे लिए भी दुआ करे कोई
न ही मै मिलूं न मै याद करूँ
पर मेरे लिए तड़पा करे कोई
दुश्मन तो मेरे बहुत सारे हैं
अपना समझ लड़ा करे कोई
जब कभी फुरसत दे ज़िंदगी
बगलगीर हो, बैठा करे कोई
हाथ तो सभी मिला लेते हैं
दिल से भी मिला करे कोई
मुकेश इलाहाबादी ---------
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