यकीनन
पत्थर भी प्यासे होते होंगे
तभी
सीने में दरिया
और झील बहाते होंगे
आब
की ही मुहब्बत में तो
ये पत्थर दरिया संग बह बह कर
टूटते होंगे
पर्वत से पत्थर
पत्थर से कंकर
कंकर से रेशा - रेशा टूटकर रेत् बनते होंगे
फिर किसी प्रेमी के सीने में सहरा बन बहते होंगे
एक
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सुबह
होते ही सज जाती हैं
झूठ की चमकीली दुकाने
और सच ठिठका खड़ा है
फुटपाथ पे अपनी ठेलिया लिए दिए
दो
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सुबह
होते ही जेब में
उम्मीद का सिक्का ले कर
चल पड़ता हूँ दुनिया के हाट में
दिन भर चिमकीली दुकानों को
देखने और हाट में घूमने के बाद
सांझ लौट आता हूँ
झोले में ढेर सारी निराशाओं को लिए दिए
दुपहरिया
सूनसान सड़क पे
धूप की चादर तनी हो
पसीना चुह चुहा रहा हो
तनबदन पे
अचानक
बदरिया बन छा जाओ
तुम,
बरसो खूब बरसो
मै भीगता रहूँ
देर तक बहुत देर तक
जब तक ये सूनी सड़क पार न हो जाए
तब तक
या,
कि ऐसा हो
किसी दिन मै घुल जाऊँ
हवा में
और लिपट जाऊँ
तुम्हारे इर्दगिर्द खुशबू सा
तुम्हारी ,
यादें 'व्हाट्स ऐप ' के मेसेज नहीं
जिन्हे डिलीट कर
दुसरे के मेसेज सेव कर लूँ
तुम्हारी हंसी
कोई इमोजी नहीं जिसे
जिसे फॉरवर्ड कर
किसी और के साथ शेयर कर सकूँ
और - अगर तुम्हारी यादें
खूबसूरत मेसेज
और मेरा दिल एंड्रॉइड फ़ोन
तो तुम्हारी यादों के मेसेज
मेरे वो प्राइवेट मेसज हैं
जिन्हे मै हरगिज़- हरगिज़ शेयर नहीं कर सकता
किसी से भी कभी भी
ये बात कान खोल कर सुन लो
और समझ लो
मेरी सुमी !
मेरी प्यारी सुमी
तुम
थामे रहोगे अपने घर की छत
और दीवारें
बने रहोगे आधारस्तम्भ
अपने राष्ट के
अपने समाज के
जब तक बचा रहेगा
बना रहेगा तुम्हारे जिस्म का लोहा
लिहाज़ा -
ज़िंदगी से लोहा लेते रहा करो - मेरे यार
अपने
अंदर के समंदर को हरहराने दो
उसमे ज्वार -भाटा आते रहने दो
इसे सूखने मत दो
क्यों कि समंदर में नमक होता है
और नमक से ही जीवन में स्वाद होता है
इसलिए - अपने समंदर को सूखने मत दीजिये
और नमक को बचाए रखिये