अगर
चाँद मगरूर नहीं है तो उसे भूलने की बीमारी है
रात मैंने
उससे पूछा "मुझसे दोस्ती करोगे?"
चाँद ने मुझे देखा
कुछ सोचा
मुस्कुराया
कुछ जवाब देता
इसके पहले बादलों ने उसे ढँक लिया
बादलों से बाहर जब तक निकलता चाँद
तब तक वो सफर करता हुआ बहुत आगे निकल चूका था
और ये बात भूल भी चूका था "कि मैंने उससे दोस्ती का हाथ माँगा है "
मुकेश इलाहाबादी ---------------------------------
चाँद मगरूर नहीं है तो उसे भूलने की बीमारी है
रात मैंने
उससे पूछा "मुझसे दोस्ती करोगे?"
चाँद ने मुझे देखा
कुछ सोचा
मुस्कुराया
कुछ जवाब देता
इसके पहले बादलों ने उसे ढँक लिया
बादलों से बाहर जब तक निकलता चाँद
तब तक वो सफर करता हुआ बहुत आगे निकल चूका था
और ये बात भूल भी चूका था "कि मैंने उससे दोस्ती का हाथ माँगा है "
मुकेश इलाहाबादी ---------------------------------
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