Pages

Thursday, 21 November 2019

लड़की ! तुम प्रेम में कभी मछली मत बनना

एक
-----
प्रेम में
वो मछली बन गयी
खुशी - खुशी तैरने लगी
अपने समंदर की बाँहों में
समंदर भी खुश था
मछली भी
लेकिन कुछ मगरमच्छों से देखा न गया
वो मछली को गटक गए
दो
----
प्रेम में, वो मछली बन गयी
तैरने लगी खुशी - खुशी अपने समंदर की बाँहों में
मछुवारे ने देखा - "इत्ती सुंदर मछली "
उसने - काँटे में आटा लगाया
और फेंक दिया पानी में में
मछली एक ही झटके में
समंदर के बहार रेत् में तड़पने लगी
मछुवारा खुश हुआ
लड़की ! तुम प्रेम में कभी मछली मत बनना
मुकेश इलाहाबादी ------------------------

No comments:

Post a Comment