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Friday, 22 September 2023

ये सच है तुझसे बिछड़ के रोया नहीं।
पर ये भी सच है कई रात सोया नहीं।
यूँ तो ज़िंदगी ने बहुत कुछ छीन लिया,
पर तुझसे कीमती कुछ भी खोया नहीं।
हिज्र का तूफ़ाँ उम्मीद की टूटी कश्ती है,
खुद को गम के समंदर में डुबोया नहीं।
~ मुकेश इलाहाबादी

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